*✨परमार्थ निकेतन, माँ गंगा के पावन तट पर आरंभ होगी मासिक श्रीराम कथा**💥15 मई से 17 जून, 2025 तक श्रीरामकथा का दिव्य आयोजन**🌺पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में श्री मानस कथा राष्ट्र, सेना और पर्यावरण को समर्पित**🌺मासिक मानस कथा का उद्घाटन पूज्य स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और एमडी/सीईओ, पतंजलि आयुर्वेद, आचार्य बालकृष्ण जी का पावन सान्निध्य*

ऋषिकेश, 14 मई। सनातन संस्कृति की महिमा, भक्ति की गंगा और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा का अद्वितीय संगम परमार्थ निकेतन में 15 मई से श्रीराम कथा का मासिक आयोजन आरंभ होने जा रहा है। यह दिव्य आयोजन 17 जून 2025 तक चलेगा, जिसमें सुप्रसिद्ध मानस कथाकार संत श्री मुरलीधर जी महाराज अपने मधुर वचनों से श्रीराम कथा का रसपान कराएंगे।
आज संत श्री मुरलीधर जी परमार्थ निकेतन पधारे, ऋषिकुमारों ने पुष्पवर्षा, शंखध्वनि और वेदमंत्रों से अभिनन्दन किया। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आयोजित होने वाली मासिक श्रीराम कथा एक ऐसा दिव्य आयोजन है जिसका इंतजार श्रद्धालु पूरे वर्ष करते हैं। विशेष रूप से राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा जी के पावन तट पर पहुँचते हैं, जहाँ वे गंगा स्नान, यज्ञ, पूजन और विशेष रूप से दिव्य गंगा आरती में सहभाग कर आत्मिक आनंद की अनुभूति करते हैं।
यह मासिक श्रीराम कथा न केवल भक्ति और श्रद्धा का उत्सव है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा भी है। परमार्थ निकेतन का यह गंगा तट श्रद्धालुओं के लिए केवल एक स्थल नहीं, बल्कि एक दिव्य तीर्थ बन जाता है, जहाँ कथा के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने का दुर्लभ अवसर मिलता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के सान्निध्य में यह आयोजन केवल कथा नहीं, बल्कि राष्ट्र, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति एक जागरूक और समर्पित जीवन की प्रेरणा बन जाता है। उन्होंने बताया कि मासिक श्रीराम कथा राष्ट्र, सेना और पर्यावरण को समर्पित होगी। 
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की प्रेरणा से यह मासिक कथा एक सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक जागरूकता और राष्ट्रीय समर्पण का माध्यम होती है। 
स्वामी जी ने कहा कि श्रीराम जी भारत की आत्मा हैं। उनका जीवन सत्य, सेवा और त्याग का प्रतीक है। श्रीरामकथा हमारे भीतर चेतना का दीप जलाने वाली ज्योति है। जब कथा राष्ट्र, सेना और पर्यावरण को समर्पित होती है, तब वह केवल वाणी नहीं बल्कि वह राष्ट्र जागरण की क्रांति बन जाती है और गंगा तट से मानस कथा के रूप में एक आध्यात्मिक राष्ट्रजागरण की लहर प्रवाहित होगी।
संत मुरलीधर जी महाराज ने कहा कि गंगा के तट पर परमार्थ निकेतन में कथा कहना परम सौभाग्य की बात है। भगवान राम का जीवन हमें सिखाता है कि जब उद्देश्य पवित्र हो, मार्ग सत्य का हो और मन समर्पण से भरा हो, तब हर चुनौती पर विजय प्राप्त होती है। श्रीरामकथा केवल एक गाथा नहीं, वर्तमान का पथप्रदर्शन और भविष्य का निर्माण है। पूज्य स्वामी जी का पावन सान्निध्य पूरे माह हमें प्राप्त होता है, यह तो परम सौभाग्य का विषय है।
परमार्थ निकेतन में हो रही यह मासिक श्रीरामकथा एक आध्यात्मिक ज्योति है, कथा के माध्यम से युवाओं में राष्ट्रप्रेम, सेवा भावना और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व को विकसित करने की दिशा में यह एक सशक्त कदम है। 
आइए, हम सभी इस दिव्य कथा में भाग लेकर श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करें और भारत को फिर से सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और नैतिक नेतृत्व की ओर अग्रसर करें।

Comments

Popular posts from this blog

हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण की विभिन्न निर्माण इकाइयों में मजदूर दिवस धूमधाम से मनाया गया

गुलदार से साथी कुत्ते को बचाने के लिए गली के कुत्तों ने किया सीधा मुकाबला, वायरल हुआ वीडियो

आई.सी.आई.सी.आई. बैंक (ICICI BANK) शाखा का शुभारम्भ :--