गोकुल ग्रीन सिटी मामला
ग्रुप के सभी सदस्यों से निवेदन है कि बेजुबानो की सेवा अवश्य करें, साथ ही अपने परिवार की स्थिति, आर्थिक स्थिति का भी ध्यान रखें, संज्ञान में आया है कि कुछ लोग सेवा भाव नशे की लत की तरह करते हैं, वोआज की तारीख में मनोरोगी हो चुके हैं, कुछ नहीं तो अपने परिवार वालों एवं शहर वासियों से भी दुश्मनी कर ली है, ऐसे में सारी परेशानी बेजुबान जानवरों को उठानी पड़ती है, तब समाज मे विवाद की स्थिति बन जाती है। ऐसा ही एक मामला कल गोकुल ग्रीन सिटी, फेरुपुर में देखने में आया। ग्रुप के एक सदस्य का समर्थन करना, इतना भारी पड़ गया कि कॉलोनी वासियों ने जमकर हम पर हाथ साफ किया, कॉलोनी वासियों के विरोध के चलते मुझे और मेरी पत्नी को रात थाना पथरी में गुजारनी पड़ी, आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि जो लोग मनोरोगी हो चुके हैं उनका और ज्यादा हौसला ना बढ़ाया जाए। बल्कि उन्हें परिवार के साथ मिलकर चलने के लिए उत्साहित करें। ( मेरे शब्दों से ज्यादा मेरी भावना पर ध्यान देना, मेरा आशय किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, क्योंकि मैं भी इसी ग्रुप का सदस्य हूं।)
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